शायद येही है प्यार
*बातें कुछ अनकही सी, कुछ अनसुनी सी, होने लगी
काबू दिल पे रहा ना, हस्ती हमारी खोने लगी
वो वो ओ ओ (३)
शायद यही है प्यार (२)
कह दे मुझसे दिल में क्या है
ऐसा भी क्या गुरुर
तुझको भी तो हो रहा है
थोड़ा असर ज़रूर
हो
ये खामोशी जीने ना दे
कोई तो बात हो
वो वो ओ ओ (३)
शायद येही है प्यार
(Repeat *)
तुही मेरी रौशनी है, तू ही चिराग है
धीरे धीरे मिट जाएगा हल्का सा दाग है
हो
ये ज़हर भी यूँ पिया है जैसे शराब हो
वो वो ओ ओ (३)
शायद येही है प्यार
(Repeat *)
काबू दिल पे रहा ना, हस्ती हमारी खोने लगी
वो वो ओ ओ (३)
शायद यही है प्यार (२)
कह दे मुझसे दिल में क्या है
ऐसा भी क्या गुरुर
तुझको भी तो हो रहा है
थोड़ा असर ज़रूर
हो
ये खामोशी जीने ना दे
कोई तो बात हो
वो वो ओ ओ (३)
शायद येही है प्यार
(Repeat *)
तुही मेरी रौशनी है, तू ही चिराग है
धीरे धीरे मिट जाएगा हल्का सा दाग है
हो
ये ज़हर भी यूँ पिया है जैसे शराब हो
वो वो ओ ओ (३)
शायद येही है प्यार
(Repeat *)
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